tehzeeb hafi love shayari in hindi
जब किसी एक को रिहा किया जाए,
सब असीरों से मशवरा किया जाए,
रह लिया जाए अपने होने पर,
अपने मरने पे हौसला किया जाए..!!!
वो जिस की छांव में पच्चीस साल गुज़रे हैं,
सब असीरों से मशवरा किया जाए,
रह लिया जाए अपने होने पर,
अपने मरने पे हौसला किया जाए..!!!
वो जिस की छांव में पच्चीस साल गुज़रे हैं,
वो पेड़ मुझसे कोई बात क्यूं नहीं करता....!!!
नहीं आता किसी पर दिल हमारा,
वही कश्ती वही साहिल हमारा,
तेरे दर पर करेंगे नौकरी हम,
तेरी गलियाँ हैं मुस्तक़बिल हमारा..!!!!
भरम रखा है तेरे हिज्र का,
वरना क्या होता है,
मैं रोने पे आ जाऊँ,
तो झरना क्या होता है,
मेरा छोड़ो मैं नहीं थकता,
मेरा काम यही है,
लेकिन तुमने इतने प्यार का,
करना क्या होता है..!!!!
बिछड़कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा,
वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा,
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊँ या ना आऊँ,
मुझे आवाज़ दे लेना तुम्हे अच्छा लगेगा..!!!
नहीं आता किसी पर दिल हमारा,
वही कश्ती वही साहिल हमारा,
तेरे दर पर करेंगे नौकरी हम,
तेरी गलियाँ हैं मुस्तक़बिल हमारा..!!!!
भरम रखा है तेरे हिज्र का,
वरना क्या होता है,
मैं रोने पे आ जाऊँ,
तो झरना क्या होता है,
मेरा छोड़ो मैं नहीं थकता,
मेरा काम यही है,
लेकिन तुमने इतने प्यार का,
करना क्या होता है..!!!!
बिछड़कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा,
वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा,
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊँ या ना आऊँ,
मुझे आवाज़ दे लेना तुम्हे अच्छा लगेगा..!!!
रुक गया है वो या चल रहा है,
हमको सब कुछ पता चल रहा है,
उसने शादी भी की है किसी से,
और गाँव में क्या चल रहा है..!!!
इक तेरा हिज्र दाइमी है मुझे,
वर्ना हर चीज़ आरज़ी है मुझे...!!!
दिल की धड़कनों को छोड़ लो,
तुम को अपना बना लो,
तुम्हारी यादों में गम हो जाऊँ,
यहीं चाहता हूँ मैं..!!!!
गले तो लगना है उस से कहो,
अभी लग जाए,
यही न हो मेरा उस के बग़ैर,
जी लग जाए,
मैं आ रहा हूँ तेरे पास,
ये न हो कि कहीं,
तेरा मज़ाक़ हो और,
मेरी ज़िंदगी लग जाए..!!!!
कभी खुद से भी मुलाकात कर,
ज़रा दिल की बातों की सौगात कर,
ये राहें कभी तो मंज़िल बनेगीं,
तू ख़ुद पर ही ऐतबार कर...!!!!
तेरे जिस्म से मेरी गुफ़्तगू रही रात भर,
कहीं मैं नशे में ज़्यादा बक तो नहीं गया,
ये जो इतने प्यार से देखता है तू आजकल,
मेरे यार कहीं तू मुझसे थक तो नहीं गया..!!!
तुझको पाने में मसअला ये है,
तुझको खोने के वसवसे रहेंगे…!!!!
दिल की बातों को समझो ऐ दोस्त,
मुहब्बत की गुज़री रातों को बस सुनो..!!!
अब उस जानिब से,
इस कसरत से तोहफ़े आ रहे हैं,
कि घर में हम नई,
अलमारियाँ बनवा रहे हैं...!!!!!
ख़्वाबों में खोया नहीं करते हम,
हर दर्द को रोया नहीं करते हम,
जो राहें मुहब्बत की हों चाहत से भरी,
उन राहों को छोड़ा नहीं करते हम..!!!!
तिज़ोरियों पे नज़र और लोग रखते हैं,
मैं आसमान चुरा लूंगा जब भी मौका लगा,
ये क़ायनात बनाई है एक ताजिर नें,
यहां पे दिल नहीं लगना यहां पे पैसा लगा..!!!
मुझ पे कितने सानहे गुज़रे पर इन आंखों को क्या,
मेरा दुख ये है कि मेरा हम-सफ़र रोता न था..!!!
नहीं भुला है तुझे,
दिल की आवाज़ में रखा है,
सब आँखों को दिखा कर,
दिल को बहला कर रखा है..!!!!
तपते सहराओं में सब के सर पे आँचल हो गया,
उसने ज़ुल्फ़ें खोल दीं और मसअला हल हो गया..!!!!
तन्हाई की रातों में जब चाँदनी छा जाती है,
दिल की गहराई से कोई आवाज़ आती है,
वो कहते हैं कि तुझे भूल जाऊं,
पर ये मोहब्बत भी कहाँ मान पाती है..!!!
मेरी आँख से तेरा गम छलक तो नही गया,
तुझे ढूंढ कर मैं भटक तो नहीं गया,
ये जो इतने प्यार से देखता है आजकल,
मेरे दोस्त तू मुझसे थक तो नहीं गया.!!
मेरी नक़लें उतारने लगा है,
आईने का बताओ क्या किया जाए…!!!
कोई तेरा आते आते दुःख सी गया हूँ मैं,
चर्चा सा करते थे तेरे ऐक तसूर के बाद..!!!
मुझे आज़ाद कर दो एक दिन सब सच बता कर,
तुम्हारे और उसके दरमियाँ क्या चल रहा है..!!!!
अपनी मंज़िल की राह देख कर,
तू चलना न छोड़ना कभी,
यह सफर तेरा आसान नहीं,
पर उम्मीद का दामन छोड़ना नहीं..!!!!
हमें तो नींद भी आती है तो आधी आती है,
वो कैसे हैं जिन्हें ख़्वाब मुक़म्मल आते हैं,
कितने फूल खिले हैं हम को क्या लेना,
हम तो कांटे चुनने के लिए जंगल आते हैं..!!!
आँखों में खनकार छपी है,
ये शमां हो रोशनी,
यादों की तपिश हो गई,
दिल की आग भड़क गई..!!!
क्या ग़लत-फ़हमी में रह जाने का सदमा कुछ नहीं,
वो मुझे समझा तो सकता था कि ऐसा कुछ नहीं..!!!
इश्क़ से बच कर भी,
बंदा कुछ नहीं होता मगर,
ये भी सच है इश्क़ में,
बंदे का बचता कुछ नहीं....!!!!
जो दर्द दिल में बस जाता है,
वही सच्चे प्यार की निशानी है,
अगर मोहब्बत में दर्द न मिले,
तो समझो वो सिर्फ कहानी है...!!!!
आपकी तसवीरें दिल की,
तपिश को बारह देती हैं,
किताबों की बूंदें छूटती हैं..!!!
उस लड़की से बस अब इतना रिश्ता है,
मिल जाए तो बात वगैरा करती है,
बारिश मेरे रब की ऐसी नेमत है,
रोने में आसानी पैदा करती है..!!!
मैं इन दिनों हूं खुद सी इतना बेखबर,
मैं बुझ चुका हूं और मुझे पता नहीं..!!!
आँसुओं के पीछे छुपे हँसते चेहरे,
बहुत कुछ कह जाते हैं,
ये जिन्दगी की उलझनों में,
मुस्कान को भी बहा जाते हैं..!!!!
इतनी गिरहें लगी हैं इस दिल पर,
कोई खोले तो खोलता रह जाए..!!!
अब इन जले हुए जिस्मों पे ख़ुद ही साया करो
तुम्हें कहा था बता कर क़रीब आया करो,
मैं उसके बाद महिनों उदास रहता हूँ,
मज़ाक में भी मुझे हाथ मत लगाया करो..!!!
दिल भी केसा डरखत है हाफी,
जो तेरी याद सी हारा हो जाये..!!!
दिल की बातें दिल में छुपी रह जाती हैं,
आँखों से आँसू न बनकर बह जाती हैं,
जब भी मिलते हैं उनसे हम,
हर बार वो बातें अधूरी रह जाती हैं...!!!